Thursday, February 8, 2024

शिक्षा और ज्ञान 344 (बहुमत)

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फासीवाद संसदीय (बुर्जुआ )जनतंत्र की ही उपपरणामीय उत्पत्ति है। हिटलर और मुसोलिनी इसी रास्ते सत्ता पर काबिज हुए। जर्मनी में गैस चैंबर बनाने वाले पढ़े-लिखे इंजीनियर और वैज्ञानिक थे। फासीवाद की एक विशिष्टता होती है सामाजिक समर्थन आधार जो किसी 'महामानवीय' नेता को अजर-अमर मानता है और दिन-रात भक्तिभाव से उसके भजन गाता रहता है। जर्मनी में यहूदी नामक अमूर्त खलनायक को जर्मनों की दुर्दशा का जिम्मेदार के रूप में साझा दुशमन के नाम पर तैयार किया गया। भारत में ऐसा हिंदू-मुस्लिम के नरेटिव के भजनों से किया जा रहा है। बहुसंख्यक पर अल्पसंख्यक के खतरे का हौवा फासीवाद की एक प्रवृत्ति है। हम लोग अनजाने ही इमर्जेंसी को फासीवाद कहने कि गलती करते थे, जबकि वह अधिनायकवाद था, उसका कोई सामाजिक समर्थन आधार नहीं था। इंदिरा सरकीार के पास लोगों के दमन के लिए राज्य दमनतंत्र ही था। इस अघोषित इमर्जेंसी में सरकारी, सांप्रदायिकीकृत दमनतंत्र के अलावा विहिप, जरंगदल, रामसेना आदि के बजरंगी गिरोहों के अलावा भक्तों की बड़ी पलटन भी है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद नेपोलियन ने बहुमत की हेराफेरी से सत्ता हथियाकर युद्धोंमादी देसभक्ति के जुमलेबाजी से सम्राट बन गया था। 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के बाद लुई बोनापार्ट ने भी यही किया तथा 1851 में संसद भंगकर खुद को सम्राट घोषित कर दिया। तो बहुमत की दुहाई मत दीजिए, बहुमत गलत भी हो सकता है। हमारे छात्रजीवन में बालविवाह जैसी कुरीतियों को बहुमत का समर्थन था। मैं तो सही और साहसी स्टैंड लेने के लिए अक्सर अल्पमत में रहता हूं। नतमस्तक समाज में सिर उठाकर चलने का मंहगा शौक पालने वाले हमेशा अल्पमत में रहते हैं। इसका यह मतलब तो नहीं हुआ कि सिर उठाकर चलने का शौक गलत हेै। लेकिन अन्यायपूर्ण समाज में निजी अन्याय की शिकायत करना वाजिब नहीं। मुझसे इस मंहगे शौक की कीमत दिल्ली विवि मेरी पेंसन रोककर वसूल रहा है। यदि आप निजी अन्याय के शिकार नहीं होना चाहते तो न्यायपर्ण समाज बनाइए। एक पराधीन समाज में निजी स्वतंत्रता एक भ्रम है, वास्तिक निजी स्वतंत्रता पाने के लिए समाज को आजाद करना पड़ेगा। नमस्कार।

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