Wednesday, February 14, 2024

मार्क्सवाद 298 (किसान आंदोलन)

 पिछले दिनों यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों के किसानों ने ट्रैक्टरों से अन्य देशों की सीमा पार करके ईयू संसद का गेराव किया था, उनपर कोई आंसू गैस नहीं दागा गया, न ही किसानों की धरपकड़ हुई। पंजाब के किसानों को रोकने के लिए जिस तरह सड़कें खोदी जा रही हैं, सीमेंट के ऊंचे-ऊंचे बैरीकेड, कंटीले तार लगाए जा रहे हैं, ड्रोन से उन पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, सड़कों पर नुकीली कीलें लगाई जा रही हैं, उससे लगता नहीं है कि आंदोलनकारी अपने ही देश के अन्न उत्पादक है बल्कि युद्धरत दूसरे देश केसैनिक हैं, जिन्हें रोकने के लिए सरकार सारी ताकत झोंक रही है।


किसान आंदोलन जिंदाबाद।

No comments:

Post a Comment