Monday, January 10, 2022

शिक्षा और ज्ञान 342 (भाषा)

 जो भाषा दूसरी भाषाओं के प्रति जितनी ही उद्दात्त होगी वह उतनी ही समृद्ध और दीर्घजीवी तथा व्यापक होगी। श्री श्रीरंग जी की बात से सहमत हूं कि लगभग 200 साल के इतिहास वाली हिंदी की व्यापक स्वीकार्यता इसीलिए रही है कि यह अंग्रेजी की ही तरह दूसरी भाषाओं के शब्दों को ग्रहण करने और अपने में समाहित करने में उदार रही है। हर शब्द की उत्पत्ति और विकास का विशिष्ट इतिहास होता है। हिंदी की ही तरह अंग्रेजी की व्यपकता का एक कारण यह भी है कि इसने दूसरी भाषाओं के शब्दों को बहुत उदारता से ग्रहण किया। इसने ग्रीक, लैटिन, डच, फ्रेंच तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं के ही नहीं, भारतीय, फारसी, अरबी, चीनी आदि भाषाओं के शब्दों को भी अपनाया है। डकैत, लूट, मंत्र, पंडित, मीडिया मुगल आदि शब्द भारतीय मूल के हैं। हिंदी के लोक-विमर्श और बातचीत में अंग्रेजी और फारसी मूल के कई शब्द संस्कृत मूल के शब्दों से अधिक सहजता से प्रयोग होते हैं। बलिदान शहीद का नहीं, शहादत का लगभग समतुल्य पर्याय है। शहीद भगतसिंह की तुलना में बलिदानी भगत सिंह कहना अटपटा लगेगा। संविधान के प्रति जेएनयू के छात्रों की निष्ठा असंदिग्ध है की जगह जेएनयू के छात्रों की संविधान के प्रति ईमानदारी असंदिग्ध है, अटपटा लगता है। वस्तु विचार (शब्द) से पहले है तथा विचार (शब्द) से वस्तु की नहीं वस्तु से विचार की उत्पत्ति होती है। जैसे अंग्रेजी शब्द बंगलो के हिंदीपर्याय बंगला शब्द की उत्पत्ति का स्रोत बंगाल है। 18वीं शताब्दी में शाह आलमों, मीरजाफरों और जगत सेठों, राजा रामनारायणों की 'निष्ठा (वफादारी)' से बंगाल (आज का बंगाल-बिहार-झारखंड-उड़ीसा -आसाम) में लूट के लिए जड़ जमा चुकी ईस्टइंडिया कंपनी के कोठरियों में रहने वाले कर्मचारी वापस इंगलैंड जाकर खुली जगहों में बाग-बगीचे वाली, हवेलीनुमा बड़े-बडे घर (कोठियां) बनवाए तथा बंगाल की लूट के धन से बने होने के कारण उन्हें बंगलो कहा जाने लगा।


इसी तरह कैबिनेट (मंत्रिपरिषद) की भी उत्पत्ति का इतिहास है। आधुनिक काल में इंग्लैंड वैज्ञानिक अन्वेषण और दार्शनिक-राजनैतिक नवीनताओं में आगे रहने के बावजूद रूढ़िवादिता में भी पीछे नहीं रहा है। 1648 की रक्तिम क्रांति के बाद राजा (चार्ल्स प्रथम) का सिर कलम कर दिया गया और गणतंत्र की स्थापना हुई। लेकिन इंगलैंड राजाविहीन नवीनता पचा नहीं पाया और फ्रांस से चार्ल्स द्वितीय को आयातित कर राजा बनाया। 1688 की रक्तविहीन या तथाकथित गौरवशाली क्रांति (Glorious evolution) के फलस्वरूप राजा जोम्स द्वितीय चुपके से भाग गया। क्रांति के बाद विलियम द्वितीय (प्रिंस ऑफ रोजेज) को आयातित कर राजा बनाया गया और 1689 की संधि के तहत, एक तरह से संसदीय शासन की शुरुआत हुई। राजा संवैधानिक संप्रभु बन गया और संप्रपभुतान राजा से 'संसद में राजा' को स्थांतरित हो गयी। राजा संसद की सहमति के बिना कोई अहम फैसला नहीं ले सकता था। छोटे से टेक्स्ट की भूमिका लंबी हो गयी। 1714 में जॉर्ज प्रथम राजा बना तो उसने संसद से प्रत्यक्ष परामर्श बंद कर दिया।उसने अंग्रेजी सीखाही नहीं। उसे लगा होगा कि महल की ऐशोआराम की जिंदगी है तो क्यों मिलने-जुलने की झंझट करे? एक राजा का सिर कलम हो गया था, एक को जान बचाने केलिए चोरी से भागना पड़ा था। वह अपने कुछ वफादारों से अपने कैबिनेट (निजी कमरा) में मिलता था जो उसके और संसद के बीच बिचौलिए का काम करते थे। इन्हें राजा के कैबिनेट सदस्य के रूप में जाना जाता था। कालांतर में, जब वेस्टमिनस्टर प्रणाली लागू हुई तो राजा के कैबिनेट सदस्य मंत्री हो गए और प्रमुक कैबिनेट सदस्य प्रधान मंत्री। और इस तरह कैबिनेट (कमरा) मंत्रिपरिषद बन गया। बहु लंबा कमेंट हो गया, संक्षेप में, हर समुदाय अपने ऐतिहासिक संदर्भ में अपनी भाषा शब्द, मुहावरे और रीति रिवाज का निर्माण करते हैं। शब्द एक भाषा से दूसरी में अनूदित हो भाषाओं को समृद्ध करते हैं।

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