1789 की फ्रांसीसी क्रांति के समय संयोग से सभागार के दायीं विंग में राजा के समर्थक बैठे थे और बाईं तरफ क्रांति के तभी से परिवर्तनकामी ताकतों को वामपक्ष और यथास्थिति के समर्थक संकीर्णतावादी तोकतों को दक्षिणपंथी। संयोग उल्टा होता तो वाम और दक्षिण के अर्थ उल्टे होते।
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