इलाहाबाद विवि के एक ग्रुप में किसी ने लिखा कि जेनयू में नारे लगाने वाले बौद्धिक हैं और पद्मावत का विरोध करने वाले गुंडे? मेरा जवाब:
कानून तोड़ने वाले गुंडे भी हो सकते हैं, मवाली भी। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले धुर देशद्रोही हैं। भक्तिभाव असाध्य मानसिक रोग है, नारे लगाने वाले बजरंगी घुसपैठिए थे, जैसे दंगे की साजिश रचने वाला गोंडा का वह हिंदू वाहिनी का दीक्षित जो रात के अंधेरे में पड़ोसी का बछड़ा चुराकर काटता पकड़ा गया। वह भक्त पकड़ा न जाता तो क्या होता? उसकी फांसी की मांग गोरक्षक नरभक्षी क्यों नहीं कर रहे हैं?
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