Wednesday, January 3, 2018

मार्क्सवाद 102 (स्टालिन)

Damodar India साथी मैं आपकी सारी बातों से सहमत हूं। मैंने ख्रुश्चेव की गद्दारी के लिए स्टालिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि पूंजीपथगामियों की पहचान न कर पाने और उन्हें शीर्ष नेतृत्व में बने रहने देकर शक्ति अर्जित करने देने की इंसानी गलती के लिए। मैंने पहले ही युवा साथी प्रांशु द्वारा इंगित अपनी गलती मानकर कि ख्रुश्चेव के दुश्प्रचार की लिंक विषयांतर नहीं करना चाहिए। मैं एक साधारण बुड्ढा हूं और निजी आक्षेपों पर फौरी प्रतिक्रिया में यह भूलकर कि 42 साल पहले 20 का था तैश में आ जाता हूं, जो नहीं होना चाहिए था। समाजवाद के संक्षिप्त इतिहास पर समयांतर के लिए 9 लेखों की पहली श्रृंखला में 1789 से नवंबर क्रांति तक ही समेट पाया हूं, अगली श्रृंखला के पहले लेख नई आर्थिक नीति के बाद के कम-से-कम तीन लेख स्टालिन के नेतृत्व में सोवियत संघ के आर्थिक विकास और स्टलिन के बारे में साम्राज्यवादी दुश्प्रचार पर केंद्रत करने की योजना है। कई बार सोचता हूं इस उम्र में तैश में नहीं आना चाहिए क्योंकि क्रोध हमेशा आत्मघाती होता है। अब से निराधार निजी आक्षेपों को नजरअंदाज करने की कोशिस करूंगा, कितना सफल होऊंगा, कह नहीं सकता। लाल सलाम।

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