क़ाबिलियत-ए-सियासतदान
दोगलापन
इस जम्हूरियत की असली पहचान है
50 साल पहले का दुष्यंत कुमार का बयान है
वो
न समझेगा सियात ज़िंदा जिसमें इंसान है
झूठ-ओ-फरेब
ही क़ाबिलियत-ए-सियासतदान है
लूटता
है धरती अौर करता वायदा-ए-ओसमान है
कहता
है लायेगा विदेशों में पड़ा कालाधन
खुशहाली
के छलावे में फंस जाता अामजन
अंबानी
का नाम अाते ही बंद हुई मोदी की जुबान
काले
धन को बताया चुनावी जुमले की हवाई उड़ान
लूटते
रहेंगे मिलकर सब मक्कार मुल्क तब तक
भक्तिभाव
से अावाम मुक्त होता नहीं जब तक
होगा
ही खत्म भ्रम एक-न-एक दिन अामजन का
करेगा
तब तलब वो सही सही हिसाब कालाधन का
समझेगा
जब हक़ीक़त सरकार-ओ-अडानी के साथ की
तोड़
देगा साजिश सत्ता की पीठ पर अंबानी के हाथ की.
(ईमिः15.02.2015)
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