Friday, February 6, 2015

ईश्वर विमर्श 34

Shashank Shekhar शशांक तुम किसी अदृश्यशक्ति के प्रभाव कहानी को मोड़ दिया. पिछले जन्म में मैं तपस्या जरूर कर रहा था यह देखने के लिये कि ईश्वर वाकई होता है. यदि हुअा अौौर अा गया तो उसकी सदाशयता अौर सर्वशक्तिमान होने की ललोकोक्होतियों के सत्यापन के लिये उसकी परीक्षा लूंगा. मैं उसे बेवजूद कहूं कि प्रकट हो गया बॉलीवुड स्टाइल में तर्जनी पर चक्रडोलाते. बिल्कुल वैसा ही दिख रहा था जैसा चिकना-चुपड़ा तस्वीरों में दिखता है. मैंने पूछा नाम?बोला भगवान विष्णु, बोलो क्या चाहिये. मैंने पूछा तुम ही दुनिया के रचइता हो, बोलानहीं मेरा बड़ा भाई उसका नाम ब्रह्मा है, बताओ क्या बात है. मैंने कहा उसने दुनियां में पैदाइशी ऊंच-नीच बनाने का नीच काम क्यों किया. बोला यह नहीं बता सकता, यह स्वर्ग की सुरक्षा की गोपनीयता का मामला है. मैंने कहा तुम दुनियां चलाते हो, बोला सही समझे. तो तुम समाज में शोषण-दमन-लूट-बलात्कार जैसी बुराइयां क्यों नहीं दूर करते. बोला मेरे बस का नहीं. तब वो सर्वशक्तिमान वाली बात? वह सजग हो गया बोला करने को तो वह कुछ भी कर सकता है, लेकिन करना ही नहीं चाहता. मैंने कहा यह तो दुष्टता है. नाराज होते देख मैंने सोचा देखूं कोई कमतर काम कर सकता है क्या, मैंने अपनी खोई कलम खोजने को कहा, वह बमकने लगा. मैंने कहा तुमसे बड़ा तो सांईबाबा थे जो जादू से इलाइची तो पैदा कर लेते थे. वह बौखलाखर ऊल-जलूल बकने लगा, अौर जन्म-जन्मांतर नास्तिकता का अभिशाप दे गया कह गया जन्म-जन्मांतर तक भक्तों को कोप का भी श्राप प्रदान कर गया अौर नास्तिक हर अभिशाप को वरदान मान लेने का दुस्सास रखता है. मैं तो बहुत बड़ा हूं इसलिये ईश्वर को क्षमा कर दिया."खुदा कभी माफ नहीं करता खुदा से भी बड़ा है स-अादत हसन मंटो"

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