तानाशाह 1
तानाशाह हर बात से डरता है
अपने पाप से डरता है
अपने आप से डरता है
हमारे गीतों से डरता है
अपने भीतों से डरता है
कायर कुत्तों की तरह
झुंड में शेर हो जाता है
पत्थर उठाने के नाटक से ही
दुम दबाकर भाग जाता है
(ईमि/तारीख याद नहीं)
फिर भी हर जगह उसका पोस्टर नजर आता है ।व
ReplyDeleteपोस्टरों में जिंदा रहना डर की ही असुरक्षा है
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