लखनऊ में जनेश्वर पार्क की तस्वीर की पोस्ट पर मेरे एक कमेंट पर एक मुलायमी हनुमान ने धमकी देना शुरू कर दिया. उनको मैंने यह जवाब दियाः
Suleman Pardesi Samajwadi आपकी सड़कछाप गुंडों की भाषा और अंधभक्ति उसका प्रमाण है मेरी बात का. अगर मुलायम अखिलेश के पास विज़न होता तो उन्हें इतिहास पुरुष बनने का मौका था लेकिन वे तो थैलीशाहों की खिदमत में लगे रहे. अगर मुलायम मोदी से अप्रत्यक्ष गठजोड़कर मुज़फ्फरपुर न होने देते और प्रदेश भर में जातीय सामंती बकैतियों को प्रक्षय न देते तो सपा को उप्र में 75 सीटें मिलती. कांग्रेस तो नटों-भटों की पार्टी बन गयी, वही सपा भी बन रही है आप जैसे भांट गवाही हैं. मेरी औकात जानना आप जैसे सड़क छाप गुंडों और सपाई हनुमानों के बस की नहीं है. गुंडे कुत्तों की तरह कायर होते हैं झुंड में या हथियार के बल पर शेर बन जाते हैं, अकेले में पत्थर उठाने का नाटक करो तो दुम दबाकर भाग जाते हैं. मैं दोनों से नहीं डरता. आपकी बात सही है मोदी लहर मीडिया और मिडिल क्लास की अधोगामी चेतना का परिणाम है मुलायम तो बस छोटे सहयोगी रहे हैं, मोदी की ही तरह छुद्र राजनैतिक स्वार्थ में दंगे होने देकर, प्रशासनिक अक्षमता और बाहुबली संस्कृति को बढ़ावा देकर छोटा सा योगदान किया है. फिर भी अपने खानदान के पांचो सदस्यों को लोक सभा तक पहुंचा ही दिया, छठे के लिए मैनपुरी में तैयारी की जा रही है.
http://ishmishra.blogspot.com/2014/03/muzaffarnagar-siege-within-communalism.html
Suleman Pardesi Samajwadi आपकी सड़कछाप गुंडों की भाषा और अंधभक्ति उसका प्रमाण है मेरी बात का. अगर मुलायम अखिलेश के पास विज़न होता तो उन्हें इतिहास पुरुष बनने का मौका था लेकिन वे तो थैलीशाहों की खिदमत में लगे रहे. अगर मुलायम मोदी से अप्रत्यक्ष गठजोड़कर मुज़फ्फरपुर न होने देते और प्रदेश भर में जातीय सामंती बकैतियों को प्रक्षय न देते तो सपा को उप्र में 75 सीटें मिलती. कांग्रेस तो नटों-भटों की पार्टी बन गयी, वही सपा भी बन रही है आप जैसे भांट गवाही हैं. मेरी औकात जानना आप जैसे सड़क छाप गुंडों और सपाई हनुमानों के बस की नहीं है. गुंडे कुत्तों की तरह कायर होते हैं झुंड में या हथियार के बल पर शेर बन जाते हैं, अकेले में पत्थर उठाने का नाटक करो तो दुम दबाकर भाग जाते हैं. मैं दोनों से नहीं डरता. आपकी बात सही है मोदी लहर मीडिया और मिडिल क्लास की अधोगामी चेतना का परिणाम है मुलायम तो बस छोटे सहयोगी रहे हैं, मोदी की ही तरह छुद्र राजनैतिक स्वार्थ में दंगे होने देकर, प्रशासनिक अक्षमता और बाहुबली संस्कृति को बढ़ावा देकर छोटा सा योगदान किया है. फिर भी अपने खानदान के पांचो सदस्यों को लोक सभा तक पहुंचा ही दिया, छठे के लिए मैनपुरी में तैयारी की जा रही है.
http://ishmishra.blogspot.com/2014/03/muzaffarnagar-siege-within-communalism.html
बहुत ख़ूब!
ReplyDeletethanks
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