Sunday, July 10, 2011

कुछ कहो मत

कुछ कहो मत
ईश मिश्र
मत करो घपलों की बात इस देश में
देश-द्रोह होगा वह आलोचना के भेष में
करोगे अगर बात रानी और युवराज की
जनतांत्रिक राजवंश की बादशाही बेताज की
मनमोहन बताएँगे इसे साज़िश नक्साल्वाद की
शासक हो अगर चोर और बेईमान
जय बोलो उसकी, कहो उन्हें महामहिम ईमानदार श्रीमान
राज चला रहे हों जब पोस्को के दलाल
विरोध का होगा ही चिदामबरम को मलाल
टाटा को चाहिए कलिंगनगर की जमीन
मार रहे हैं अंधाधुंध किसानो को बीजू-पुत्र नवीन
खडा है जो भी किसानों के साथ
लगेगा उसपर विकास-विरोध का पाप
टाटा को मालुम है देश कैसे चलेगा
विकास की गाडी में कौन-कौन नधेगा
होती नहीं बहनजी व्याकुल दलितों-नारिओं पर अत्याचार से
कहती हैं बच कर रहो मनुवादी दुष्प्रचार से
होगी यदि मुलायम-लालू के घपलों की बात
माना जायेगा इसे सामाजिक न्याय पर अघात
बात अगर बुद्धदेब की पूंजी-सेवा की होगी
कम्युनिस्ट-विरोधी अफवाह हो जायेगी
इस लिए ऐ वुद्धिमानों
एक धागा खरीदो कर लो जुबान बंद
खाओ-और-खाने दो बने रहो अक्लमंद
११.०७.२०११

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