Thursday, July 15, 2021

शिक्षा और ज्ञान 324 (भाषा)

 किसी मित्र ने कहा कि भाषा के सामर्थ्य की वजह से वे अपने जन्म के समय के अनुभव नहीं याद हैं, न ही मृत्यु के बाद के अनुभवों को शेयर कर सकेंगे। उस पर:


भाषा का अन्वेषण मानव इतिहास के विकासक्रम में एक क्रांतिकारी अन्वेषण था और हर अन्वेषण की ही तरह यह भी निरंतर विकासशील है। इसकी सीमाएं ज्ञान के विस्तार के साथ बढ़ती जाती हैं। इसी लिए किसी एक संदर्भ (भाषा) में विकसित अवधारणा के शब्द का दूसरी भाषा में बिल्कुल ठीक-ठीक समतुल्य मिलना आसान नहीं होता। जन्म के समय बच्चे की अभिव्यक्ति के सामर्थ्य वैसी ही होती है, जैसा भाषा के अन्वेषण के पहले के मनुष्य की थी। जन्म के समय बच्चे की अनुभूति होती है जिसे वह भाषा को अन्वेषण के पहले के मनुष्य की तरह ध्वनि-संकेतों से अभिव्यक्त करता है। मृत्यु के समय तक के अनुभव मनुष्य भाषामें अभिव्यक्त करता है, मरने के बाद कोई सजीव अस्तित्व नहीं बचता अतः कोई अनुभव नहीं होते जिन्हें अभिव्यक्ति की आवश्यकता हो।

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