Saturday, September 1, 2018

मार्क्सवाद 151 (हथियारों की होड़)

बोफर्स राफेल की आवश्यकता इसलिए पड़ती है कि भूमंडलीय शस्त्र उद्योग को मुनाफा चाहिए, राजनेताओं तथा नौकरशाहों को दलाली और सरकारी पार्टी को युद्धोंमादी राष्ट्रवाद का तमगा। यूरोप के अतीत के पुस्तैनी दुश्मन देशों में वीजा-फ्री बॉर्डर देख दिल खउश हो जाता है। ये देश ज्यादा खुशहाल हैं, हथियार उद्योग को ज्यादा मुनाफा नहीं पहुंचाते। सुनते हैं हॉलैंड की जेलों में कैदी ही नहीं हैं।, यह काम तीसरी दुनिया के भूखे नंगे करते हैं, जिससे राष्ट्रोंमाद के नशे में मद-मस्त भूखे रोटी का सवाल न उठाएं। साथी Rakesh Tiwari जी।

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