इसके बाद अदम जी से दो ही और मुलाकातें हुईं, अगली मुलाकात लंबी होनी थी, एम्स में इलाज कराना था, लेकिन वह मुलाकात कभी हुई नहीं। अदमजी ने 2011 में छात्रों और मजदूरों के लिए ऐतिहासिक भौतिकवाद पर पद्य में पुस्तिका लिखने का आदेश दिया. कविता लिखना मैं 31 वर्ष पहले बंद कर चुका था। मेरे पद्य में लिखने में बौद्धिक असमर्थता जाहिर करने पर कामचोरी का इल्जाम लगाया। थोड़ी ही देर पहले मैंने यही आरोप आत्मकथा लिखने के आग्रह पर गद्य न लिखने की असमर्थता जाहिर करने पर उन पर लगाया था। वे रिकॉर्ड कराने और एक साथी केपी मौर्य रिकॉर्ड करने और ट्रांस्क्राइब करने को राजी हो गए थे, वह दिन आया नहीं। मैंने शुरू किया, 2 खंड के पहले ड्राफ्ट हुए और कॉलेज में घरों के एलॉटमेंट के मुद्दे पर स्टाफ असोसिएसन ने रिले हंगर स्ट्राइक शुरू कर दिया, मैं अध्यक्ष था, बाकी 4 खंड टले तो चलते गए। लेकिन पूरा करूंगा, न करना अदमजी का असम्मान होगा। लाल सलाम साथी।
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