Friday, October 13, 2017

आवाम पागल हो गया है

आवाम पागल हो गया है
पगलाया बता रहा है
विश्व बैंक की चमचमाती सड़कों पर
सरपट दौड़ते विकास को
अब राष्ट्र नया आवाम चुनेगा

आवाम पागल हो गया है
पागलपन बता रहा है
खत्म कर नौकरियां
देकर संसाधनों तथा श्रमसाधनों पर
कॉरपोरेटी धनपशुओं को एकाधिकार
और आवाम को सुअवसर
नूतन असंभव आविष्कार करने का
निर्वात से संसाधन-श्रमसाधन पैदा कर
उद्यमी बनने के दैवीय चमत्कार करने का
विश्वशक्ति बनने के विकास के अभियान को
विश्व बैंक की चमचमाती सड़कों पर
सरपट दौड़ते विकास को
अब राष्ट्र नया आवाम चुनेगा

पगला गया है आवाम
पागलपन बता रहा है
खत्म कर विद्यामंदिरों से
म्लेच्छों तथा अंग्रेजों की विरासत
नष्ट कर शिष्यों के सवाल जवाब की आदत
उन्हें गौरवशाली गुरुकुलों में तब्दील कर
विकास के जगतगुरु बनने के अभियान को
विश्व बैंक की चमचमाती सड़कों पर
सरपट दौड़ते विकास को
अब राष्ट्र नया आवाम चुनेगा
(ईमि: 14.10.2017)



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