Tuesday, October 3, 2017

मार्क्सवाद 88 (रामायण)

लाखों साल पहले मनुष्य आदिम काल की भी आदिम अवस्था में रहता था। मिथकीय ज्ञान यही होता है, जो मन में आए बोल दे रामायण का रचनाकाल 2000 साल से कम पुराना है। वैदिक काल 3000-1000 ईशापूर्व माना जाता है। आप तो आचार्य हैं बताइए किस वैदिक ग्रंथ में इस कथा का जिक्र है? यह एक लोक कथा है जिसे जैन, बौद्ध तथा अन्य ग्रंथों में अपनी अपनी तरह कहा-लिखा गया है। दशरथ जातक में राम, सीता को भाई-बहन और पति-पत्नी दोनों बताया गया है. आपने भरतीय जनमानस का सामूहिक अवचेतन का कोई जनमतसंग्रह किया है क्या? हमारा काम अज्ञान के अवचेतन के अंधकार को ज्ञान से दैदीप्मायमान कर चेतन को जागृत करना है। भारतीय जनमानस हिंदी-भाषी सवर्णों तक नहीं सीमित है। मार्क्सवादी कंठी नहीं पहनता वह कंठियों के मंत्र के फरेब को उजागर करता है, जिससे लोग कंठी के पाखंड को तोड़कर यथार्थ समझें।

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