एक बार (करीब 25 साल पहले)मेरी पत्नी ने कहा कि मैं भगवान के बारे में अच्छी बातें नहीं करता इसीलिए मेरे साथ गड़बड़ होता है। मैंने कहा कि भगवान इतना टुच्चा और छोटा है कि मेरे जैसे अदना इंसान से बदला लेने आ जाता है, उसकी और ऐसी-तैसी करूंगा जो बिगाड़ना हो बिगाड़ ले। जो अमूर्त से डरते हैं वे मूर्त से तो डरेंगे ही। संघियों की ही तरह मुसंघियों के ऊपर भी मार्क्स का भूत सवार हो जाता है बात कोई भी हो।
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