Sunday, November 22, 2015

मौत का क्या डर

 मौत है एक अवश्यंभावी अनिश्चितता
जिंदगी एक खूबसूरत ठोस सच्चाई
डरना क्यों उस बात से
घटती है जो अक्सर अकस्मात
इसीलिए जीना तो कला है
रंग भरने की ज़िंदगी की हक़ीकत में
मरने में नहीं है किसी का अपना हाथ
कहां से आ गयी मरने की कला की बात
जब तक विधा खुदकुशी का कायरतापूर्ण पलायन न हो
जो कला तो नहीं प्रहसन है कला की
(बस ऐसे ही )


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