भाजपा के धर्मोंमादी लंपट सांसद आदित्यनाथ का विवि कार्यक्रम रद्द करवाने के लिए इलाहाबाद के जुझारू छात्र संघर्ष को सलाम. इसे शिक्षा के व्यापारीकरण की नई शिक्षानीतियों के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन में तब्दील करना पड़ेगा. अगला पड़ाव बनारस. काहिवि के घोंचू, पोंगापंथी कुलपति को करारा जवाब देना पड़ेगा जो कहता है कि स्टूडेंट्स फेलोशिप से मोटरसाइकिल खरीदते हैं तथा और क्या करते हैं बताने में उसे शर्म आती है. अरे शर्म तो उसे खुद के शिक्षक होने पर आनी चाहिये, लेकिन आती तो कुलपति कैसे बनता. इससे पूछना चाहिए लाखों में वेतन के लिए कितना और क्या काम करता है .तथा कितनी किताबें खरीदता है? पता नहीं कैसे ऐसे ऐसे चीकट इतनी तादाद में शिक्षक बन जात हैं तथा शिक्षा को नष्ट करने की अपनी जवाबदेही विद्यार्थियों के सिर मढ़ देते हैं. छात्र-शिक्षक एकता ज़िंदाबाद. ऑकूपाई आंदोलन जिंदाबाद.
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