Tuesday, November 10, 2015

शर्म इन्हें आती नहीं

एक ये हैं कि शर्म इन्हें आती नहीं
एक वो है कभी तक्षशिला को बिहार मे ला देता है  
तो कभी चंद्रगुप्त को सिकंदर से लड़ा देता है
 कभी सम्राट अशोक को कोइरी बता देता है
तो कभी बिहार डीयनए की बात करता है
उसका नायब भी लाजवाब है 
वह बिहार ही पाकिस्तान भेज देता है
भूगोल का य़े इल्म इन्हें विरासत में मिला दिखता है 
इनका एक पूर्वज तो इससे भी बड़ा कमाल करता है
इस गिरोह में वह गुरू गोलवल्कर के नाम से जाना जाता है
प्राचीनकाल में जो उत्तरी ध्रुव को बिहार व उड़ीसा पहुंचा देता है
जब जब वह हज करने अमरीका जाता है
ऐसे ऐसों क आगे झुकता गिड़गिड़ाता है
जो रोज ही गोमांस खाता है
बिहार का चुनाव जब आता है
गोभक्षण की अफवाह से मुसलमान एक मरता है
 वह गाय की पवित्रता को चुनावी मुद्दा बनाता है
वैसे तो चतुरचालाक है सद्बुद्धि को धिक्कारता है
अहंकार के कारण यह बात भूल जाता है
काठ का हंडा चूल्हे पर दुबारा नहीं चढ़ता है
एक ये हैं कि शर्म इन्हें आती नहीं.
(बस यूं ही)
(ईमिः 10.11.2015)

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