Sunday, March 22, 2015

जो डरते हैं वे जीते नहीं

जो डरते हैं वे जीते नहीं, खींचते हैं ज़िंदगी पशुवत
करते हैं वफादारी कुत्तों की तरह किसी बड़े टुकड़े की अाश में
(ईमिः 21.03.2015)

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