Saturday, March 14, 2015

सियासत 7

Sunil Patel पीड़ित की दुर्बुद्धि उसे अौर पीड़ा देती है. पूर्वी उ.प्र. में यादव पीड़ित नहीं उत्पीड़क हैं, जब भी किसी को तर्क नहीं मिलता तो वह मेरे अंदर ब्राह्मण खोजने लगता है. अरे ब्राह्मण की गाली देने के बाद अागे बढ़ो मेरी बातों पर चर्चा करो खारिज करो. बाभन से इंसान बनने की बात उन्हें नहीं दिखती, अहिर से इंसान बनने की बात इन्हें बौखला देती है. इलाहाबाद जिले में खेती मजूर-बालू खनन मजदूर पत्थर खनन मजदूर जिनमें ज्यादातर दलित-पिछड़े हैं, उनका नेतृत्व कौन कर रहा है, मायावती ने बीकर में बालू का ठेका दे दिया था, किसने उसकी मशीनें जलाई अौर माया की पुलिस का कहर झेला? इनमें किसी में साहस है कि मुलायम-अखिलेश से कह सके कि मेजा, करछना, शंकरगढ़ क् विस्थापन-विरोधी अांदोलनों पर कहर ढाना बंद कर दे? यमुना में बालू-मजदूरों (केवटों) पर मायावती सरकार द्वारा मढ़े गये फर्जी मुकदमें वापस ले ले. दलित-पीड़ित की मुक्ति के लिये सामाजिक न्याय की लड़ाई को अार्थिक न्याय की लड़ाई से जोड़ना पड़ेगा. नमस्कार.

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