क्यों खुश है इतनी यह लड़की
लिये आँखों में जज्बात अंतरिक्ष के उड़ान की
कामयाबी की उम्मीद है राज इस मुसकान की
चाहती है लांघना सीमाएं आसमान की
लगते हैं इरादे इसके असदंदिग्ध पक्के
रोक नहीं सकते अब रास्ता चोर ओर उचक्के
[ईमि/२२.०३.२०१३]
It has always been`a difficult task to write about myself, that should be left for the posterity, if there is anything worth writing.I am an ordinary human-being in unceasing pursuit of comprehension of the world to change. I am temperamentally a teacher and now, coincidentally professionally also.In short:a self-claimed Marxist; authentic atheist; practicing feminist; conscientious teacher and honest, ordinary individual, technical illegalities apart.
उसकान का मतलब समझाएं कृपया |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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जी. मुस्कान* ठीक कर दिया.
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