Thursday, March 7, 2013

बीते लम्हों की मधुर यादें


बीते लम्हों की आती हैं जब मधुर यादें
गम-ए-जुदाई की भूल जाती हैं सब बातें


है हर लम्हे का बीत जाना कुदरती फितरत
 देता है जीने वाला उन लम्हों को सोहरत
कसक छोड़ जाते हैं वे बीते लम्हे
बला की खूबसूरती होती है जिनमें
मिलता है जब कभी फिर ऐसा साथ
बहुत याद आती है उन लम्हों की बात
[ईमि/०८.०३.२०१३]

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