हर प्यार होता है इतना अनोखा
लगता है अनदेखा पहले सा
जब भी हो जाता है
देता है अनुभूति
सघनतम पारस्परिकता की
लगता है कुछ भी नहीं रहा है ऐसा
पहले प्यार के सिवा.
[ईमि/१३.०३.२०१३]
लगता है अनदेखा पहले सा
जब भी हो जाता है
देता है अनुभूति
सघनतम पारस्परिकता की
लगता है कुछ भी नहीं रहा है ऐसा
पहले प्यार के सिवा.
[ईमि/१३.०३.२०१३]
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