Tuesday, June 7, 2022

शिक्षा और ज्ञान 370 (धार्मक असहिष्णुता)

 


फिलिस्तीन में जनसंहार से किसी इस्लामी राजशाही या गणतंत्र के शासकों की भावनाएं आहत नहीं होतीं, भारत में गोहत्या की अफवाह या संदेह से मुसलमानों की हत्याओं या दंगों में होने वाली हत्याओं पर उनकी भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन किसी चैनल पर पैगंबर के बारे में शासकदल की एक प्रवक्ता की टिप्पणी से उनकी भावनाएं इस कदर आहत हुईं कि उनकी सम्मिलित प्रतिक्रिया से हिंदू-मुसलमान नरेटिव से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की संजीवनी पर आश्रित राजनैतिक जीवन वाली शासक पार्टी को अपनी प्रवक्ता को निलंबित करना पड़ा।

अर्थ ही मूल है, हिंदुस्तान में हिंदू-मुस्लिम नरेटिव से समाज में सांप्रदायिक विषवमन चुनावी ध्रुवीकरण के लिए जरूरी है और अरब की राजशाहियों के समक्ष नतमस्तक होना पेट्रो-डॉलर की जी-हुजूरी की रणनीति। नूपुर शर्मा का इस्तेमाल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से चुनावी फायदे के उद्देश्य से समाज को सांप्रदायिक नफरत से प्रदूषित करने के लिए किया गया और अरब आकाओं की जी हुजूरी में उनकी बलि दे दी गयी। जब तक लोग धर्मांधता की भावनाओं में बहते रहेंगे चतुर-चालाक मजहबी कारोबार के सियासतदां उन्हें उल्लू बनाकर अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे।

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