सरोज जी के साथ विवाह की 50 वीं सालगिरह (29 मई) पर सुबह सुबह एक सेल्फी के साथ सूचना शेयर किया, साथ फोटो वाली एक फेसबुक मेमरी शेयर किया दोनों पर अनगिनत बधाइयां मिलीं, तैयार होकर बेटी-दामाद के साथ खाना खाने बाहर जाते समय फिर एक सेल्फी ले लिया था, आज सरोज जी ने शिकायत किया कि वह फोटो क्यों नहीं शेयर किया? तो उस पर भी ढेरों बधाइयां मिलने लगी हैं।
इतनी बधाइयों और शुभकामनाओं के लिए सभी मित्रों का कोटिशः आभार। मैंने लिखा था कि हमारे विवाह की कहानियां आज, नवउदारवादी युग की पीढ़ी के लिए दंतकथाओं की तरह हैं। कुछ मित्रों ने कहानियां सुनाने का आग्रह किया, नई लिखने के पहले की वर्षगांठों पर लिखी कुछ कहानियां एक एक कर शेयर करूंगा। हम शादी के 15 और गवन के 12 साल बाद साथ रहना शुरू किए उस पर भी कुछ मित्रों ने सवाल किया, उसकी भी कहानी लिखूंगा, अभी इतना बता दूं कि तब मैं 12वीं का छात्र था (परीक्षाफल निकलने के पहले ही विवाह हो गया था) और अन्यान्य कारणों से उसके बाद लंबा छात्र जीवन रहा।
सभी मित्रों की बधाई के लिए एक बार फिर से आभार।
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