Friday, May 31, 2019

जीते हैं चुपचाप जो मुर्दा जिंदगी

जीते हैं चुपचाप जो मुर्दा जिंदगी
कोई हर्ज या हलचल नहीं देखते
समाज जिंदा रहे या श्मसान बने
हाकिम बासुरी बजाए या धनपशु बने
(ईमिः 31.05.2019)

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