Saturday, May 18, 2019

शिक्षा और ज्ञान 185 (उत्तर वैदिक गणतंत्र)

बुद्ध कपिलवस्तु के शाक्य गणतंत्र (संघ) के सदस्य थे जहां राजा शब्द संघ (गण) के मुखिया की उपाधि थी जो वंशानुगत न होकर निर्वाचित पद था। इसलिए बुद्ध को राजकुमार बताने वाली किंवदंती गल्पकथा है। उनके पिता सुद्दोधन शाक्य संघ के जाने-माने सदस्य थे। 20 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ गौतम को सर्वसम्मति से संघ में शामिल किया गया। 8 वर्ष बाद पड़ोसी गण से नदी के पानी के विवाद में युद्ध की नौबत आयी जिसका सिद्धार्थ ने विरोध किया तथा बात-चीत से मसले को सुलझाने का प्रस्ताव रखा जो बहुमत से खारिज हो गया। लगता है प्रचीन एथेंस की ही तरह उत्तर-वैदिक गणतंत्रों में मुकदमे का सामना करने या निर्वसन में चुनाव था। सिद्धार्थ ने निर्वसन चुना।

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