Saturday, May 25, 2019

लल्लापुराण 221 (मोदी विजय)

पाण्डेय अजेय दुनिया में फिलहाल कहीं समाजवाद नहीं है, समाजवादी क्रांति एकवर्गीय ही होगी, मजदूर वर्ग का सुविधासंपन्न तपका (मध्यवर्ग) खुद को शासकवर्ग का हिस्सा होने का मुगालता पाले है, जो जल्दी ही टूटेगा। पूंजीवाद का संकट दो रूपों में अभिव्यक्ति पाएगा -- 1. बेतहाशा बेरोजगारी और लोगों की क्रयशक्ति में कमी, 2. पूंजी के मुनाफेनमें कमी जिससे राष्ट्रवाद का नगाड़ा पीटने वालों का गुब्बारा फूटेगा। मजदूरों के ऊपरी तपके का मोहभंग होगा और वह खुद को मजदूर चेतना से लैस करेगा।

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