Sunday, May 19, 2019

शिक्षा और ज्ञान 186 (नवब्राह्मणवाद)

ऐसा बहुजन प्रेम खतरनाक है। देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर एक दलित तो बैठा है जो अभी तक का सबसे रीढ़विहीन, आज्ञाकारी राष्ट्रपति है। ममता बनर्जी को गृहमंत्री तथा मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की आपकी चाह भी राजनैतिक अपरिपक्वता की परिचायक है। ममता तो ब्राह्मण है तथा संजय लंपट ब्रिगेड से राजनीति में आयीं और लंपटता से आजीवन समझौता नहीं किया। मायावती अंतर्दृष्टि-विहीन एक निहायतअवसरवादी, सिद्धांतविहीन नेता है जो सत्ता और पैसे के लिए गिरने की कोई सीमा नहीं जानती। भाजपा के समर्थन से सत्ता बचाने के लोभ में 2002 के गुजरात के नरसंहार के समर्थन में गुजरात में घूमकर मोदी के साथ मंच शेयर कर रही थीं। अंबेडकर जाति के विनाश के पक्षधर थे प्रतिस्पर्धी जातिवाद के नहीं। आपकी यह पोस्ट एक प्रतिक्रियावादी पोस्ट है। अब यह मत कह दीजिए कि मेरे अंदर का ब्राह्मण बोल रहा है।

1 comment:

  1. बिल्कुल सत्य। इतने हाथी खड़े करे क्यों
    न यह पैसा शोषित तबके के उद्धार में लगाया।

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