Friday, May 31, 2019

बेतरतीब 43 (लखनऊ यात्रा)

कल (30 मई 2019) लखनऊ कॉफी हाउस में साथी भगवान स्वरूप कटियार की पुस्तक ‘जनता का अर्थशास्त्र’ के लोकार्पण के अवसर पर साथियों के साथ देश के हालात पर सरोकार साझा किया। राजनैतिक संवाद की अड्डेबाजी के रूप में कॉफी-हाउस संस्कृति के ह्रास पर भी चिंता साझा की गयीं। बैठक में कटियार जी के अलावा साहित्यकार, बंधु कुशावर्ती; प्रो. रमेश दीक्षित; पीयूसीयल की वंदना मिश्रा; युवा साथी आशीष अवस्थी; ज्ञान प्रकाश; ओपी सिन्हा; जन संस्कृतिमंच के सदस्य जाने-माने कवि कौशलकिशोर; शिवाजी राय; सी.यम. शुक्ल; संजय खान; के.के.शुक्ल; राम किशोर तथा दिनेश प्रताप सिंह शामिल थे। लखनऊ की शाम खुशगवार बनाने के लिए साथियों का शुक्रगुजार हूं। कॉफी हाउस के कार्यक्रम के बाद स्टेसन के रास्ते में सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन जी तथा “चौरी-चौरा” एवं “अवध किसान आंदोलन” के लेखक सुभाष कुश्वाहा जी के साथ अच्छी चर्चाओं में थोड़ा समय बीता। दोनों का आभार।

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