यदि मैं भी ओबामा का गुलाम होता
दुनिया में मेरा कितना नाम होता
सैकड़ों हरम-ओ-हमाम का इमाम होता
हर शहर में फ़ार्म हाउस हर सूबे में मकान होता
राजमाता का आशीर्वाद युवराज का साथ होता
रहमत-ए-विश्वबैंक सर पर वालमार्ट का हाथ होता
जलवे ऐसे होते तो वजीर-ए-आज़म हिन्दुस्तान होता
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