Markandey Pandey इन देशों में ये सुविधाएं जनसंघर्षों से हासिल की गयी हैं, जैसा पारितोष जी ने बताया लोगों से सोसल सेक्योरिटी टैक्स लिया जाता है, जिस संचित कोष का इस्तेमाल सामाजिक सुरक्षा -- वृद्धावस्था पेंसन, बेरोजगारी भत्ता, कमआयु की अविवाहित लड़कियों के बच्चों की देखभाल -- आदि मदों में किया जाता है। उसी ढर्रे पर राजीव गांधी के शासन में (शायद) यहां इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंसन योजना शुरू की गयी, अभी का पता नहीं लेकिन पहले कुछ 300 या 500 रुपए मिलते थे वह भी 'वृद्धावस्था' के प्रमाणपत्र के बाद। अब तो सेना को छोड़कर हर विभाग में 2004 (अटल जी के शासन में) से सेना को छोड़कर सबकी पें,न खत्म कर दी गयी लेकिन पुरानी पेंसन योजना में भी पेसन कोष कर्मचारी की भविष्यनिधि से नौकरी की अवधि में काटा गया संचित कोष ही होता था। पहले रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोग कम जीते थे तो सरकार का फायदा होता था लेकिन अब ज्यादा जीने लगे तो पेंसन बंद कर दिया।
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