@Pradeep Sharma: आज़म खान ने माफी मांग ली, वैसे मैंने संसद की रिपो्र्टिंग का वह पूरा वीडियो देखा, उसमें ऐसा कुछ नहीं है जितना हौव्वा खड़ा किया जा रहा है, हां यदि उसका नाम आजम की बजाय राधामोहन होता तो इतना हंगामा न होता। स्मृति इरानी एक बलात्कारी विधायक को महात्मा घोषित कर रही हैं तो कोई हंगामा नहीं? आजम एक शेर पढ़ते हैं, 'इधर-उधर की बात न कर....', पीठसीन अधिकारी रमा देवी हंसकर कहती हैं इधर-उधरनहीं संसद में स्पीकर को देखते हैं, आजम कहते हैं वे तो उन्ही को देखते रहते हैं, वेै कहती हैं वे छोटी बहन जो हैं, आजम भी उन्हें छोटी बहन कहते हैं, बात-चीत हल्के-फुल्के माहौल में हो रही है तभी, बलात्कारी को महात्मा घोषित करने वालों, राम-रहीम और आसाराम के भक्तों को आज़म खान को खलनायक बनाने का मौका मिल जाता है। मैं आजमखान और समाजवादी पार्टी का आलोचक ही नहीं निंदक हूं, लेकिन आलोचना तथ्यात्मक होनी चाहिए।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment