Aditya Anand मैं थिंक टैंक नहीं, थिंकिंग इंसान हूं, थिंकिंग यानि दिमाग का इस्तेमाल ही इंसान को पशुकुल से अलग करता है। पांडेय जी ने जिस किताब से उद्धरण दिया था उसी का ही एक और संदर्भ दे दिया। विभाजन पर अपनी पुस्तक में अंबेडकर मुस्लिम तथा हिंदू सांप्रदायिकता दोनों को निशाने पर लेते हैं क्योंकि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं तथा साम्राज्यवादी पूंजी के गर्भ से पैदा सहोदर। दोनों ने साथ मिल कर औपनिवेशिक सरकार की शह पर बंगाल और उत्तर पश्चिम सीमांत में गठबंधन सरकारें बनाया-चलाया। मुस्लिम लीग पर जितना कटु प्रहार करते हैं उतना ही हिंदू सभा तथा आरयसयस पर। मैं, एक मार्क्सवादी होने के नाते कथनी-करनी की एका पर यकीन करता हूं, इसलिए विषयांतर से विमर्श विकृत नहीं करता। नमस्कार।
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