Monday, April 8, 2019

लल्लापुराण 213 (राजा राम)

Rajdeep Pathak राजा राम एक मर्दवादी, वर्णाश्रमी संस्कृति के प्रतिनिधि थे जिसमें औरतों को वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में पुरस्कार की वस्तु के रूप में जीता जा सकता था किंतु स्त्री एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में प्रणय निवेदन कर दे तो उसके नाक कान काट लिए जाते थे। अपहृत स्त्री को पवित्रता की अग्नि-परीक्षा देनी पड़ती थी। उसके बाद भी उसकी पवित्रता प्रामाणिक नहीं होती थी और गर्भवती हालत में घर से निकाली जा सकती थी। एक शूद्र की तपस्या से ब्रह्मांड हिल जाता था और राजा राम को उसकी हत्या करनी पड़ती थी।

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