पूरे इलाके में की दिनों से यही चर्चा थी
चौराहों की अड्डेबाजी का यही विषय था
कि महामहिम मेरे गाँव आने वाले हैं
शिलान्यास करने एक अनाथालय का
दंगों में अनाथ हुए गाँव के तमाम बच्चों के लिए
कोइ फुसफुसाया दंगों में तो महामहिम का ही था
किसी ने ललकार कर दिया सवाल उससे
महामहिम के क़त्ल की साज़िश रच रहा हो वह जैसे
करवाया होता दंगे अगर महामहिम ने
क्यों लेने आतेपीड़ितों की सुध?
वैसे महामहिम को आता है
पागलों का मुह भी करना बंद
उस दिन जब महामहिम मेरे गाँव आये
थर्रा गया था गाँव देख आगे पीछे की वर्दियां
देख महामहिम के इर्द-गिर्द सुरक्षा घेरे
याद आने लगा कौटिल्य का अर्थशास्त्र
होती है महामहिमो की सुरक्षा की जरूरत
अर्थशास्त्र के विजिगिशु की तरह
जो सत्तासीन होता था तलवार के बल से
आज के माहामहिम
करते है हासिल कुर्सी संख्या बल से
बने रहेंगे महामहिम के सुरक्षा घेरे
संख्याबल के जनबल में कायाकल्प तक
वैसे महामहिम को कहीं जाने की जरूरत ही क्या?
उस दिन महामहिम जब मेरे गाँव आये
घेर लिया था पूरा गाँव वर्दियों ने
औरतें दिशा मैदान नहीं जा सकीं
न जा सके बच्चे स्कूल
महामहिम के चारों और हीवर्दियां वर्दियां
महामहिम के मंच पर आने के पहले
गाँव के कुछ उप-महामहिमों ने कशीदे पढ़े
महामहिम-चालीसा से उकेर कर
महा महामहिम की लोकप्रियता
और आमजन की खुदाई के
पेश किये मनमोहक आंकड़े जो
जी हाँ मेरे गाँव में भी कुछ नायब महा महिम हैं
लोहे के डंडों से और वर्दियों घिरे महामहिम
एहसान जता रहे थे वर्दियों से घिरे कि गाँव वालों का
उनके असीम प्यार के लिये
और बता रहे थे
कितना जरूरी है दूरी महामहिम और गाँव के बीच
प्यार को बनाए रखने के लिए
तभी चिल्लाया दूर से सुआरथ का नंग-धिडंग बेटा
राजा नंगा है-राजा नंगा है
धुंवा निकला कुछ वर्दियों की बंदूकों से
क्या अचूक निशाना होता है
देश के इन रक्षकों का
ढेर हो गया वह बालक
अफरातफरी के बीच महामहिम ने
कहा कितना बहादुर था वह लड़का
शहीद हो गया देश की खातिर
महामहिम फिर कभी नहीं आये मेरे गाँव
लेकिन इतना प्यार है महामहिम को गाँव से
कि देश के लिए शहीद बालक के नाम से
रख दिया अनाथालय का नाम
सुआरथ के शहीद बेटे के नाम पर
फिर आने वाले थे महामहिम मेरे गाँव
देश के लिए उसी तरह शहीद होने वाले बच्चों की तलाश में
बाद में हटा लिया गया उस बच्चे का नाम
अनाथालय के द्वार से
क्योंकि मालुम हो गया तब तक महा महिम को
कि वह बच्चा देश-भक्त नहीं, नक्साली था
जो ख़ाक में मिलते हैं, शहीद नहीं होते
देश की सुरक्षा के मद्देनज़र
महामहिम फिर नहीं आये मेरे गाँव[ईमि/१०.०७.२०१३]
haqeekat ka steek chitran.
ReplyDeleteshukriya
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