Tuesday, July 16, 2013

मोदी के गुजरात की तरह


तुम कहते हो भला है इसी में सबका
हमारा, तुम्हारा और रकीब का
इतना नहीं देश और समाज का भी
इसी में भला है
कि भूल जाओ जो भी हुआ जैसा भी हुआ,  
अपना लो अब जो भी है जैसा भी है   
शुरू करो नए सिरे से नए प्रकरण
खुद टूटोगे तोड़ोगे गर
नई वस्तुस्थिति की सीमाएं
मोदी के गुजरात की तरह  
आगे बढ़ो, प्रगति करो
मोदी के गुजरातकी तरह
मत पूछो अपने आपसे भी
अब तक के अनुत्तरित सवाल
मत फैलाओ तर्क-विमर्श का मायाजाल
ढक लो रिसते हुए सारे घाव
जम जाने दो बनकर नासूर उन्हें 
आदत पड जायगी  दर्द  सहने की
ठीक सा लगेगा सब कुछ वक़्त के थपेड़ों से
मत पढो इतिहास और सिमट जाओ भूगोल में
चलते जाओ नामुराद लाशों पर  
छोड़ दो यादें माजी की
ज़िंदा रहो लाश बनकर और आगे बढ़ो
मोदी के गुजरात की तरह.
[ईमि/१७.०७.२०१३]

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