बधाई। 'इसमें स्त्री रचनाकार भी शामिल हैं', प्रकांतर से पितृसत्तामक वक्तव्य है। 'स्त्रियां भी' अवाछनीय लगता है। यह सब हम लोगों से अनजाने में हो जाता है, जैसे लड़ी को बेटा कहकर साबाशी देना। हमें अपने शब्दों के चयन में सर्वदा सतर्क रहना चाहिए। सम्मेलन की सफलता की असीम शुभकामनाएं। अजय जी का ऐसे अचानक चले जाना जनसंस्कृति की बड़ी क्षति है। मैं तो चंद मुलाकातों में ही उनका मुरीद हो गया था। अजय भाई को क्रांतिकारी श्रद्धांजलि। मैं भी जसम के संस्थापना सम्मेलन का हिस्सा था। संस्थापना महासचिव गोरख बहुत जल्द चले गए, वे जानते थे कि 'अपने को किसी से कम नहीं' समझने वाले बुद्धिजीवी 'क्यों नहीं कुछ कर सकते' थे, फिर भी जल्दी ही चले गए। जसम के राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर संस्थापना महासचिव गोऱख पांडे की यादों को लाल सलाम। सम्मेसन की सफलता की पुनः ढेरों शुभकामनाएं।
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