Saturday, July 12, 2025

गिरने की राजनैतिक परंपरा

 सच कह रहे हो मित्र


 सच कह रहे हो मित्र
इस देश में गिरना राजनैतिक परंपरा बन गयी है

जो गिरने में जितने अधिक कीर्तिमान बनाता है
उतना ही बड़ा जनगणमन अधिनायक बन जा है
पुलों का गिरना तो उसका महज उपपरिणाम है
इंजीनियर और ठेकेदार नेता के पदचिन्हों पर चलते हैं
और भजन में प्रशिक्षित भक्त तो फिर भक्त होता है
राजनैतिक पतनशीलता का धार्मिक भजन गाता है
पुल के गिरने से सौ-पचास लोग मर जाते हैं
राजनेताओं के गिरने से हजारों लोग मरते हैं
और लाखों अपने ही घर में शरणार्थी बन जाते हैं
उससे भी बहुत बड़ी बात यह होती है
गिरने की गौरवशाली परंपरा बन जाती है
दावारों पर इस नारे केै इश्तहार दिखते हैं
गिरो गिरो और गिरो और गर्व से कहो
हम गिर के रहेंगे और गिरते ही रहेंगे
पतनशीलता जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
(ईमि: 11.07.2025)

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