Monday, July 14, 2025

शिक्षा और ज्ञान 377 (गोल्वल्कर)

 शमशुल इस्लाम एक प्रतिबद्ध इंकलाबी रंगकर्मी और बुद्धिजीवी हैं, उनकी बाकी बातें सही हो सकती हैं लेकिन उनका यह कथन कि1939 में छपी गोलवल्कर की किताब "We or our nation defined" को उनके द्वारा 1990 दशक में विवेचना के साथ प्रस्तुत करने के पहले, इसे कोई जानता नहीं था, उनका बड़बोलापन है। अरुण माहेश्वरी ने अपने फेसबुक लेख में यही बात कही है। 1987 में मैंने CWDS (Centre for Women's Development Studies) द्वारा sponsored एक शोधपत्र Woman's Question in Communal Ideologies: A Study into the Ideologies of RSS and Jamat-e-Islami में इस पुस्तक से विस्तृत उद्धरण दिए हैं। तभी लगा कि इतनी मूर्खतापूर्ण बातें लिखने वाला व्यक्ति आरएसएस का परमपूज्य गुरुजी है? मैं भी स्कूल में बाल स्वयंसेवक रहते हुए गोल्वल्कर को बहुत बड़ा ऋषि मानता था, बाल-दाढ़ी भी उनकी प्राचीन ऋषियों सी लगती थी। इसी पुस्तक में आरएसएस के पपू (परम पूज्य) गुरुजी ने हिटलर द्वारा यहूदी नस्ल के नरसंहार को भारत के हिंदुओं के लिए अनुकरणीय बताया है। इसी किताब में पपू गुरु जी ने नया भूगर्भशा्त्रीय सिद्धांत का प्रतिपादन करते हुए उत्तरी ध्रुव को प्राचीनकाल में उड़ीसा-बिहार ( शायदआज का झारखंड) स्थापित किया है। वे वैदिक आर्यों को भारत का मूल निवासी मानते थे, उनसे जब तिलक की आर्यों के उत्तरी ध्रुव क्षेत्र से भारत आने की मान्यता पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दुनिया की हर चीज की ही तरह उत्तरी ध्रुव भी चलायमान हौ और लोकमान्य तिलक को नहीं मालुम था कि उत्तरी ध्रुव अति प्राचीन काल में उस जगह था, जिसे आज हम उड़ीसा और बिहार कहते हैं। (लगभग 40 साल पहले पढ़ा था तो होसकता है उद्धरण शब्दशः न हो।)

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