Monday, July 7, 2025

क्रांति

 5 दशक पहले दीवारों पर लिखते हुए नारे

70 के दशक को मुक्ति का दशक होने के

पिछले चौराहे तक पहुंची क्रांति का करते हुए इंतजार
जो रूस में 10 दिनों की उथल-पुथल से
हिला-चुकी थी दुनिया
जिसकी कंपन से घबराए
यूरोप के धनपशुओं ने एडम स्मिथ को कह दिया था अलविदा
और लगाया था कीन्स को गले
अपनाया था कल्याणकारी राज्य
पहुंची जब चीन गांवों से शहरों को घेरते हुए
रुकी नहीं बड़ती ही गयी
चीन से चलकर क्यूबा और फ्रांस होते हुए
वियतनाम पहुंच कर दिगदिगंत को गुंजायमान कर
हो हो हो ची मिन्ह वी शैल फाइट वी शैल विन के नारों से
आगे बढ़ पहुंची हिदस्तान के दूर दराज के गांव नक्सबाड़ी
देश भर में निकल पड़े थे लोग लगाते हुे नारे
आमार बाड़ी तोमार बाड़ी सबेर बाड़ी नक्सबाड़ी
लेकिन क्रांति चौराहे से आगे नहीं बढ़ी
ढक लिया उसे प्रति क्रांति के गुबार ने
भक्तिभाव के अहंकार ने
पूछा था मार्क्स से तब मैंने अब क्या?
उन्होंने कहा संघर्ष संघर्ष और संघर्ष
(ईमि: 08.07.2025)

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