हर समाज में बहुमत सज्जनता का ही होता है
हर समाज में बहुमत सज्जनता का ही होता है
जो एक अमूर्त, अज्ञात कल्पित भय का शिकार होता है
दुष्ट अल्पमत द्वारा खेल के परिणाम का निर्धारण
सज्जन बहुमत की कायराना चुप्पी की ही नतीजा है
इसलिए ऐ सज्जनों चंद दुष्टों से डरने की जरूरत नहीं है
वे कुत्तोंकी तरह कायर होते हैं जो झुंड में शेर बन जाते हैं
और पत्थर उठाने के नाटक से ही दुम दबाकर भाग जाते हैं
बोलने का साहस करो दुष्टों का अल्पमत भाग जाएगा
छुंड में शेर बनने वाले कायर कुत्तों की ही तरह।
(ईमि: 09.10.2023)
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