इज्रायल एक आतंकवादी राज्य है जिसे अमेरिकी नेतृत्व वाले आतंकवादी साम्राज्यवाद का समर्थन प्राप्त है। पीएलओ के फतह संगठन के विरुद्ध सीआईए और मोसाद ने हमस बनवाया और उसे शह दिया, उसी तरहजैसे इंदिरा गांधी ने पंजाब में अकाली प्रभाव के विरुद्ध भिंडरवाले को शह दिया, जो उनके लिए भस्मासुर बन गया। अमेरिका पूरी दुनिया में जनतांत्रित ताकतों के विरुद्ध राजशाहियों और आतंकी संगठनों का मशीहा रहा है। अरब में सउदी राजशाही अमेरिका का सबसे विश्वस्त सहयोगी है। 1970 के दशक में इरान कीनिर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सीआईए ने शाह की राजशाही को पुनर्स्थापित किया था, जिसके विरुद्ध जनता के संघर्ष का फल कट्टरपंथी नरपिशाच खोमैनी ने कब्जा कर उन सभी जनपक्षीय लोगों का कत्लेआम किया जो शाह की राजशाही के विरुद्ध बहादुरी से लड़े थे। प्रकारांतर से इरान में खोमैनी के कट्टरपंथी शासन की स्थापना का जिम्मेदार अमेरिका ही है। अफगानिस्तान में रूसी मौजूदगी से निपटने के लिए अमेरिका ने अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों को शह दिया, जो उसके लिए भस्मासुर बन गया। 2002 में अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के विरुद्ध युद्ध विरोधी प्रदर्शन में हम लोगों ने एक नारा दिया था, 'अल कायदा अभिशाप है, अमरीका उसका बाप है'; 'बिन लादेन अभिशाप है, अमरीका उसका बाप है'। ताज्जुब नहीं होगा जब पता चलेगा कि हमस का हमला फिलिस्तीनियों के कत्लेआम और उनकी बची-खुची जमीन पर कब्जा करने के लिए इज्रायल प्रायोजित था, वरना उनके पास मिसाइलें कहां से आईं? आइए मानवता की रक्षा में हर तरह के आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट हों चाहे वह हमस जैसे कट्टरपंथी संगठनों का आतंकवाद हो या साम्राज्यवादी प्रश्रय में पलने वाले नस्लवादी इज्रायली राज्य का।
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