ऋगवेद में वर्णित दशराज्ञयुद्ध के भागीदार (ऋगवैदिक आर्य) प्राकृतिक शक्तियों के उपासक थे और सप्तसिंधु --7 नदियों के क्षेत्र (सिंधु, सरस्वती और पंजाब की पांच नदियां) में कबीलों (कुटुंबों) में रहते थे दिबोदास का बेटा सुदास भरत कुटुंब का नेता (राजा) था। दिबोदास के मुख्य पुरोहित विश्वामित्र थे, सुदास ने उनकी जगह वशिष्ठ को अपना मुख्य पुरोहित बना लिया। विश्वामित्र क्रुद्ध होकर उनके विरुद्ध 10 कुटुंबों कीलामबंदी की युद्ध में सुदास की विजय हुई और युद्धोपरांत शांतिवार्ता के परिणामस्वरूप वशिष्ठ के साथ विश्वामित्र भी भरत कुटुंब के पुरोहित बने रहे। ( सातवां मंडल, सूक्त 18, 33 और 83)
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