सुनो निक्करधारी, ज्ञानद्रोही गर्दभ-चारण त्रिपाठी
अब नहीं चलेगी बीयचयू में ब्राह्मणवाद की परिपाटी
चलाओ विद्रोही युवा उमंगों पर कितनी ही गोली-लाठी
पैदा ही करती रहेगी कबीर-ओ-बुद्ध काशी की माटी
मांगने निकला है वंचित तपका पढ़ने का अधिकार
समझ सके जिससे वह ज्ञान के फरेब का सनातन सार
होगे नहीं जब तक शेरों के अपने इतिहास कार
करता रहेगा इतिहास शिकारी की जय-जयकार
निकल पड़े हैं शेर बनने खुद का इतिहासकार
मच गया शिकारियों के खेमे में भयंकर हाहाकार
उमड़ा है बनारस में जो युवा-उमंगों का जनसैलाब
कर देगा बजरंगी लंपटों का राष्ट्रवादी ढोंग बेनकाब
पुणे से उठी चिंगारी ब्राह्मणवाद के खिलाफ
आग बन गयी पहुंचते-पहुंचते हैदराबाद
दावानल बन गई पहुंची जेयनयू जब
बन गया जेयनयू विश्वविद्यालय से विचार तब
कहा था तुमने बीयचयू को जेयनयू न बनने दोगे
मगर विचार को तुम कैसे बंदूक से रोक लोगे?
पहुंच चुका है बीयचयू जेयनयू का विचार
लेके रहेंगे छात्र पढ़ने का अनंत अधिकार
पैदा हों जिससे तथ्यपरक तार्किक विचार
करोगे प्रतिरोध पर जितने भयानक वार
उतनी ही भीषणता से फैलेंगे विप्लवी विचार
खंड-खंड हो जायेगा ब्राह्मणवादी अहंकार
(बस यूं ही)
आंदोलनकारी छात्रों को जय भीम, लाल सलाम
(ईमि: 27.05.2016)
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