Thursday, May 12, 2016

जेयनयू 5

जो भी जेयनयू के संघर्ष की एकता, जयभीम, लालसलाम नारों की एकता तोड़ेगा इतिहास उसे कभी नहीं मॉफ करेगा. संस्थान बचेंगे, विचार बचेंगे तभी सामाजिक न्याय भी बचेगा. शासकवर्ग हमें इन विवादों में फंसाकर शिक्षा का पूर्ण निजीकरण करना चाहता है जिससे सामाजिक न्याय वैसे ही अप्रासंगिक हो जाएगा. पैसा फेंको तमाशा देखो. दोस्तों एक सठियाए(60 साल) पुराने जेयनयूआइट की अपील है कि इस क्रांतिकारी परिस्थिति को नष्ट न करें. मुल्क इस अंधे युग में आप में रोशनी की एक किरण देख रहा है. जेयनयू एक विचार बन चुका है. जेयनयू की हार विचार की हार होगी, जनतंत्र की हार होगी. पहले तो परिसरों पर ब्राह्मणवाद के हमले का एकजुटता से सामना करें. साझे संघर्ष के दौरान संवाद, वाद-विवाद, विचार-विमर्श के जरिए नारों की प्रतीत्मात्मक एकता को अमली तथा सैद्धांतिक रूव देने का अवसर है, यह अवसर चूका तो इतिहास रचने का मौका आपके हाथ से निकल जाएगा. युवा ही क्रांति का ऐतिहासिक वाहक होता है. एक आखिरी बातः काम या विचार की बजाय जन्म के आधार पर व्यक्तित्व का मूल्यांकन ब्राह्मणवाद का मूलमंत्र है, जो भी ऐसा करता है वह ब्राह्मणवाद का पोषक है तथा ब्राह्मणवादी जितना ही नंदनीय.

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