पहिए की कुर्सी वाला प्रोफेसर खतरा है देश की सुरक्षा के लिए
माना नहीं उठा सकता बंदूक यह अपाहिज प्रोफेसर
पर फिरा सकता है कम्यूटर के कीबोर्ड पर उंगलियां
और गढ़ सकता है खतरनाक विचार
वह भी ऐसे वैसे नहीं बेहद खतरनाक
कहते जो होते आदिवासियों के भी मानवाधिकार
माना कि बंदूक नहीं उठा सकता
लेकिन दिमाग चला सकता है और ज़ुबान भी
सरकार चलाती है जब राष्ट्रवादी ग्रीनहंट अभियान
देने लगता है सेना के छोटे-मोटे अत्याचारों पर गंभीर बयान
इतना ही नहीं कश्मीरी मुसलमानों को भी इंसान मानता है
उनके भी मानवाधिकार की बात करता है
राष्ट्र की अखंडता पर आघात करता है
माना कि भाग नहीं सकता पहिए की कुर्सी वाला प्रोफेसर
लेकिन मिलेगी नहीं जब तक जेल की प्रताड़ना
खतरनाक होती जाएगी बुद्धिजीवियों की चेतना
और देश की सुरक्षा के लिए सबसे खतरनाक है चिंतनशील इंसान
डरा सकता जिसे न कोई भूत न ही भगवान
करते रहेगे ये वैसे तो जेल में भी ग्राम्सी सी खुरापात
बर्दाश्त कर लेगा मगर राष्ट्रवाद उतनी उत्पात
(ईमिः31.03.2016)
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