Wednesday, October 21, 2015

किसी के बाप का नहीं आवाम का है हिंदुस्तान

सही कहा राहत इंदौरी ने 
"सभी का खून शामिल है यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है"
ललकारा था कॉमरेड पाश ने कंजी आंखों वाले पाइलट को
काटने को अपना नाम यदि हो उसका कोई अपना हिंदुस्तान
तो सुनो लाशों की तिजारत के सरताज
यह किसी के बाप का नहीं आवाम का है हिंदुस्तान
दुहराता हूं कॉमरेड पाश की चुनौती
क्योंकि तुम भी तो उसके ही मौसेरे भाई हो
बस तुममें है उससे थोडा ज्यादा गरूर
और हो कुर्सी के नशे में थोड़ा ज्यादा चूर
हुआ था   दिल्ली में जब भीषण नऱसंहार
बताया था उसने  
बडे पेड़ के गिरने से धरती हिलने का परिणाम
तुम्हे भी याद आया महज बारह साल बाद
गुजरात का भीषणतम नरसंहार 
था जो कार के सामने कुत्ता आ जाने के हादसे सा
तुम भी जानते हो सारी दुनियी की तरह
खत्म हो गई खानदानी सल्तनत
समा गया वह इतिहास के कूड़ेदान में
तुम भी जानते हो सारी दुनिया की तरह
खत्म हो जाएगी धर्मोंमाद पर टिकी संघी सल्तनत
समा जाओगे इतिहास के किसी कूड़ेदान में उसी की तरह
हिंदुस्तान रचता रहेगा अपने इतिहास का गतिविज्ञान
क्योंकि इतिहास का अंत नहीं होता
इसलिए भी कि किसी के बाप का नहीं आवाम का है हिंदुस्तान
(ईमिः22.10.2015)

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